मुझे लगा कि जीवन की उत्पत्ति और अंत एक चुम्बक की तरह हैं, जो एक साथ जन्म लेते हैं और खत्म भी हो जाते हैं। मानव जीवन सभी योनियों में सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि हर योनि में कुछ न कुछ कमी रह जाती है, जो धीरे-धीरे दूसरी योनि में पूर्ण होती है। जब मानव जीवन मिलता है, तब हम सोच-समझ सकते हैं। मनुष्य का मन जरूर पूछता है—क्यों और कैसे? कोई इस पर ध्यान देता है, कोई नहीं। वैसे, यह जीवन हमें साकार रूप से निराकार को समझने के लिए ही मिला है। दुख और सुख हमें जीवन व्यतीत करने के लिए दिए गए हैं। अगर दुख में नींद आ रही है, तो समझिए कि दुख सामान्य है; यह समय के साथ दूर हो जाएगा। मेहनत करें, हो सकता है अच्छा परिणाम न मिले, लेकिन जो मेहनत के बाद परिणाम का इंतजार करता है, वह मन किसी सफल व्यक्ति से भी ज्यादा आनंद लेता है। जैसे ध्यान में जो खुशी मिलती है, उसे वही समझ पाता है जो अनुभव करता है। ध्यान में वह हर रिश्ता तोड़ देता है, सब छोड़ देता है, चिंता से मुक्त हो जाता है और चाहता है कि मैं खुद को जान पाऊं—यही उसे खुशी देता है। हर मनुष्य अपनी जगह महान है, क्योंकि वह विविधता बनाए रखता है। मैं भी दुखी बहुत रहती ह...
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